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Podcast: सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की कविताओं का मेरा पॉडकास्ट
हिन्दी के मशहूर कवि सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की कविताओं को मैंने न्यूज18 हिन्दी के लिए पढ़ा था. यहां मैं पहली बार अपना हिन्दी पॉडकास्ट पोस्ट...
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वैसे तो प्रेम और आस्था निजी मामला है। विशेषतौर पर तब जब वह ईश्वर से/पर हो। लेकिन, मित्र प्रणव प्रियदर्शी जी ने बस बात- २ पोस्ट को ले कर घो...
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life is just a hand away death, too, is a hand away in between the happiness and despair- I reside... fake is what soul wore today shadow is...
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5 comments:
अगर न होते सपने, तो न होती संवेदनाएं...
अगर न होते आघात तुमसे, तो न होता विश्वास तुम पर...
बहुत ख़ूब...
हम वो फ़िरदौस नहीं हैं जो आप समझ रही हैं...
अगर न होते सपने, तो न होती संवेदनाएं...
अगर न होते आघात तुमसे, तो न होता विश्वास तुम पर...
बहुत ख़ूब...
हम वो फ़िरदौस नहीं हैं जो आप समझ रही हैं...
sundar prastuti . poojaji .likhti rahiye
"अगर न होते सपने, तो न होती संवेदनाएं..."
शायद जीवन के कई पडावों पर यह एक सत्य है!!
utsaahvardhan hetu dil se bahut bahuttttttttttttttttt dhanyawaad!!
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