..और जगजीत सिंह की आवाज मन में भीतर गहराती ही जा रही है। यह गीत सुनिए। पारुलचांदपुखराजका की पिछली पोस्ट खंगालते में मिल गया। वहीं से कॉपी कर रही हूं। फिल्म कालका का यह गीत मैंने पहले कभी नहीं सुना था..पर अब सुना तो बस खूब सुना और साझा करने का मन किया..। आप भी सुनें तो..
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Monday, October 26, 2009
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Podcast: सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की कविताओं का मेरा पॉडकास्ट
हिन्दी के मशहूर कवि सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की कविताओं को मैंने न्यूज18 हिन्दी के लिए पढ़ा था. यहां मैं पहली बार अपना हिन्दी पॉडकास्ट पोस्ट...
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यूं तो हम और आप कितना ही साहित्य पढ़ते हैं, पर कुछ लफ्ज अंकित हो जाते हैं जहनोदिल पर। ऐसे अनगिनत अंकित लफ्जों में से कुछ ये हैं जिन्हें Boo...
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life is just a hand away death, too, is a hand away in between the happiness and despair- I reside... fake is what soul wore today shadow is...