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Wednesday, September 12, 2012


कल, आज और कल
इस दौर से लगभग सबको गुजरना है।.... साइड मिरर में गुजर चुका रास्ता है, जहां हम दोबारा नहीं जाएंगे। जैसे सड़क के मुहाने पर वह बैठी है, ऐसे उम्र के मुहाने पर हम सबको बैठना होता है। बुजुर्ग होना केवल एक प्रक्रिया भर है, लेकिन (मुझे) अक्सर आकर्षित करती है।

Podcast: सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की कविताओं का मेरा पॉडकास्ट

  हिन्दी के मशहूर कवि सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की कविताओं को मैंने न्यूज18 हिन्दी के लिए पढ़ा था. यहां मैं पहली बार अपना हिन्दी पॉडकास्ट पोस्ट...