Tuesday, August 11, 2009

अब धैर्य नहीं

उम्मीद, एक फुदकती चिड़िया

कौन साला इंतजार करे

कि वक्त आएगा और सब सुधर जाएगा
एक दिन वह बिना पिए घर जरुर आएगा
अपने सोते हुए बच्चों के सिर पर स्नेह से हाथ फिरा पाएगा
कहेगा, खाने को दो भूख लगी है
बिना उल्टी किए बिस्तर पर पसरेगा
और जूते उतार कर टीवी ऑन कर पाएगा
कि वक्त आएगा और सब सुधर जाएगा।

एक दिन नई वाली पड़ोसन भूल जाएगी पूछना
कि कौन कास्ट हो
वो आएगी, बैठेगी, और बतियाएगी
चीनी की कटोरी लेते में
यह नहीं भांपना चाहेगी
कि कौन कास्ट हो
वह जान जाएगी कौन कास्ट हूं
और फिर चीनी ले जाएगी
कि एक दिन चीनी की मिठास मेरी कास्ट पर भारी पड़ जाएगी

पर कौन साला इंतजार करे.................

10 comments:

अनिल कान्त said...

आपकी रचना बहुत कुछ कह जाती है...बेहतरीन

Arshia Ali said...

गंभीर बात कहती है ये रचना.
{ Treasurer-T & S }

डॉ .अनुराग said...

किबला ..एक खास तंज है इस कविता में...ओर आखिरी लाइन ..

."पंच लाइन" है

विवेक said...

कई बार लगता है, उम्मीद कमजोर करने वाला शब्द है, अकर्मण्यता बढ़ाने वाला...अगर उम्मीद न हो तो कितना कुछ खुद ही कर लें...बेहद संजीदा कविता, पूजा...हम सबको 'उस' वक्त की ओर आगे बढ़ाती है यह कविता...

vikas vashisth said...

ना होगी जांत पांत पर दुभांत
ऐसा समय भी आएगा
ना होगी दरम्यान धर्म की दीवार
वक्त आएगा और सब सुधर जाएगा...
खयाल बेहतरीन है पर कौन साला मुकम्मल करने की खातिर लड़ेगा और कौन साला मुकम्मल होने तक इंतज़ार करेगा...

Pooja Prasad said...

जौ हौंसला-वर्धन किया है आप सब ने, वह वाकई टॉनिक का काम करता है।

@विकास,कौन साला इंतजार करे क्योंकि इंतजार यानी बैठे बिठाए की उम्मीद किसी दिशा में नहीं ले जाती। ऐसे इंतजार खोखली उम्मीदें होती हैं। और , खोखली उम्मीदें दरअसल भ्रम होती हैं। इसलिए कौन साला इंतजार करे कि साथियो (पंक्तियों में जिसे पति कहा गया है) कि आदत खुद ब खुद बदल जाएगी (क्योंकि ऐसी उम्मीद है)। और, जातिवादी मानसिकता हमारे पड़ोस से खुद ब खुद गायब हो जाएगी (क्योंकि ऐसी उम्मीद है)।

नीरेंद्र नागर said...

Great. शानदार। जितना सुंदर कथ्य है,उतनी ही अच्छी शैली।

Sanjay Grover said...

achchi kavitayeN haiN. aapki kuchh kahne-karne ki chhatpatahat inmeN dikhti hai. Achchha hua ki barasta chokher bali yahaN aa pahuncha.

Unknown said...

bhut badhiya likha.... shandaar... maja aa gaya...

Unknown said...

bhut badiya lika... shandaar...maja aa gaya

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